
पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक होने के बाद पाकिस्तानी आर्मी की सांसें अटकी हुई हैं. क्योंकि बलूच विद्रोहियों ने 40 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया है. उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसीलिए फाइटर जेट्स, ड्रोन, गनशिप हेलिकॉप्टर होने के बावजूद पाकिस्तानी कमांडोज उस जगह पर उतरने से डर रहे हैं, जहां पर बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने ट्रेन को हाइजैक कर रखा है. पाकिस्तान की सेना दावा कर रही है कि वह बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चला रही है, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी पाकिस्तान की आर्मी कांप रही है. उसे खौफ है कि कहीं बलूच विद्रोही उसके जवानों को एक साथ मौत के घाट न उतार दें. आइए जानते हैं इस घटना का लेटेस्ट अपडेट…
पाकिस्तान की सिक्योरिटी फोर्स ने बताया कि बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस पर चढ़ने से पहले रेलवे ट्रैक पर बम विस्फोट किया. जब ट्रेन रुक गई तो उन्होंने पूरी ट्रेन पर कब्जा कर लिया. बाद में बीएल ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें ट्रेन के पास बम ब्लास्ट होते देखा जा सकता है.
पाकिस्तान की सेना एक और बलूच विद्रोहियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन चला रही है, दूसरी ओर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने नई चाल चल दी है. पाकिस्तान सरकार के लोगों ने बताया कि बलूच विद्रोहियों ने तीन अलग-अलग जगह पर बंधकों को रखा है. वे एक दूसरे से कनेक्ट हैं. बात कर रहे हैं. जब भी पाकिस्तानी सेना अटैक करती है, तो वे बंधकों को मार देने की धमकी दे रहे हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी ने जिस बोलान दर्रे के पास जाफर एक्सप्रेस को हाइजैक किया है, वहां बीएलए मजीद ब्रिगेड की स्थिति काफी मजबूत है. वे यहां की पहाड़ियों की एक-एक इंच जमीन से वाकिफ हैं. जब भी उन पर हमले की कोशिश होती है, वे अपने सुरंगों में जाकर छिप जाते हैं. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि जितनी बार पाकिस्तानी सेना गोले दाग रही है, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के जवान उतने पाकिस्तानी सैनिकों को मार रहे हैं.
इलाके में पाकिस्तानी सेना का बड़े पैमाने पर ऑपरेशन जारी है. जेट्स, ड्रोन और गनशिप हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में भाग ले रहे हैं. कई जगहों पर कमांडो तैनात किए गए हैं. लेकिन कैदियों की अदला बदली को लेकर पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की एक ही डिमांड है कि उनके साथियों को जेलों से छोड़ा जाए. अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो उससे बलूच विद्रोहियों के आगे झुकना माना जाएगा. और अगर ये विद्रोही छूट गए तो पाकिस्तान को भी पता है कि उनकी मुश्किलें कितनी बढ़ने वाली हैं.